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  • 02 Aug 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    दिवस 23: अभिरुचि और अभिवृत्ति एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं? सिविल सेवकों के जीवन में दोनों के महत्त्व का वर्णन करें। (150 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • अभिवृत्ति और अभिरूचि के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • अभिवृत्ति और अभिरूचि के बीच अंतर का लिखिये।
    • एक सिविल सेवक के जीवन में एक सही योग्यता और दृष्टिकोण के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।
    • अभिवृत्ति और अभिरूचि दोनों को समान महत्व देते हुए निष्कर्ष लिखियेे।

    अभिरुचि किसी व्यक्ति की उन विशेषताओं का ऐसा संयोजन है जो बताता है कि यदि व्यक्ति को उचित वातावरण तथा प्रशिक्षण मिले तो वह उस विशेष क्षेत्र में सफल होने के लिये आवश्यक योग्यताओं को प्राप्त करने की कितनी क्षमता रखता है। इससे व्यक्ति के भविष्य में प्रदर्शन करने का आकलन किया जा सकता है।

    अभिवृत्ति एक ऐसी मन:स्थिति है जहाँ किसी विषय के प्रति विचार या विचारों का समूह उपस्थित होता है। इसमें एक मूल्यांकन की स्थिति (नकारात्मक, सकारात्मक तथा तटस्थ) उपस्थित होती है जहाँ भावनात्मक घटक के विशेष तरीके से कार्य करने की प्रवृत्ति विद्यमान होती है।

    अभिवृत्ति और अभिरुचि में अंतर:

    अभिवृत्ति अभिरुचि
    मनोवृत्ति किसी विशेष स्थिति, व्यक्ति, बात या किसी मुद्दे पर मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया को संदर्भित करती है। यह सकारात्मक एवं नकारात्मक हो सकती है। यह एक निश्चित प्रकार के कार्य को करने के लिये योग्यता का एक घटक है।
    इसका संबंध चरित्र या गुणों से है। यह संबंध प्रतिभा से है।
    यह एक मानसिक पहलू है। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों पक्ष शामिल हैं।

    मनोवृत्ति अपेक्षाकृत स्थायी प्रकृति की होती है। यदि एक आधुनिक समाज में मनोवृत्ति अवांछनीय है, तो इसे तदनुसार बदला जाना चाहिये।

    जैसे: विभिन्न अभियानों (विज्ञापनों) द्वारा सरकार स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिये नागरिकों के दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश कर रही है। 

    अभिरुचि को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से बदला और विकसित किया जा सकता है।
    • एक सिविल सेवक के पास किसी भी जटिल, बहुआयामी और गतिशील स्थिति के लिये पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिये दोनों (अभिवृत्ति और अभिरुचि ) का होना ज़रूरी है। एक सकारात्मक अभिवृत्ति से युक्त सिविल सेवक अपनी योग्यता का उपयोग समाज के कल्याण के लिये करता है।उदाहरणत:

    एक सिविल सेवक के जीवन में अभिरूचि का महत्व

    • सिविल सेवाएं प्रशासन की हेतु आधार स्तम्भ हैं। इसलिये लोक प्रशासन के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिये एक गुणात्मक, पेशेवर, कुशल और प्रतिबद्ध कार्यबलअनिवार्य है।
    • भारतीय लोक प्रशासन में, सिविल सेवकों को विभिन्न प्रकार की ज़िम्मेदारियाँ सौंपी जाती हैं जैसे कि सरल प्रशासनिक और लिपिक कार्यों से लेकर जटिल निर्णय लेने, नीति कार्यान्वयन और सरकार और नागरिकों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करना। इसलिये, सिविल सेवकों के पास विविध कौशल जैसे अच्छा विश्लेषणात्मक कौशल और सहयोगी नेटवर्क स्थापित करने की क्षमता और सफल टीम वर्क होना महत्वपूर्ण है।
    • कानून और प्रशासनिक नियम हर चीज की व्याख्या नहीं कर सकते हैं और नेता हमेशा पिछली सफलताओं की नकल नहीं कर सकते क्योंकि प्रत्येक चुनौती को प्रभावित करने वाले तत्त्व दिन-प्रतिदिन बदलते हैं। ऐसे मामलों में एक सिविल सेवक को तत्काल निर्णय लेने के कौशल और दृढ़ विश्वास के साथ विवेक का प्रयोग करने के लिये महत्वपूर्ण क्षमता की आवश्यकता होती है।
    • ई-गवर्नेंस की उभरती अवधारणा और 'न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन' का आदर्श वाक्य, सरकार की मशीनरी के साथ-साथ कार्य शैली और सरकारी अधिकारियों के अभिविन्यास में परिवर्तनकारी परिवर्तन की मांग करता है। सिविल सेवाओं के लिये योग्यता और मूलभूत मूल्यों की भूमिका तथा कार्यों के साथ यह चुनौतीपूर्ण होेती जा रही हैं, इन नई चुनौतियों का सामना करने के लिये सिविल सेवकों को आवश्यक कौशल और क्षमताओं से लैस होना चाहिये। उनमें नई तकनीकों और कार्य करने की नई शैलियों में महारत हासिल करने की योग्यता होनी चाहिये। उन्हें सुधार पहलों को उत्प्रेरित करने के लिये 'परिवर्तन के एजेंट' के रूप में कार्य करना चाहिये।

    एक सिविल सेवक के जीवन में सकारात्मक अभिरूचि की भूमिका और महत्व

    एक सकारात्मक अभिरूचि को एक सिविल सेवक की एक आवश्यक विशेषता माना जाता है जिसे अक्सर अत्यधिक तनाव में कार्य करने की आवश्यकता होती है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से एक सिविल सेवक को निम्नलिखित संदर्भों में मदद मिलती है:

    • अपनी समस्या-समाधान क्षमताओं में सुधार करना: एक सकारात्मक सोच वाले सिविल सेवक में नई जानकारी का उपभोग करने की अधिक क्षमता होती है। यह बदले में, सार्वजनिक हित के मामलों से निपटने के दौरान परिप्रेक्ष्य और 'बिंदुओं को जोड़ने' की क्षमता में सुधार करता है।
    • लचीलेपन में वृद्धि: सकारात्मक सोच और रवैया एक सिविल सेवक को अधिक लचीला बनाने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिये है क्योंकि सकारात्मक भावनाएँ व्यक्ति को उन नकारात्मक भावनाओं से जल्दी से उबरने में मदद करती हैं जो निर्णय लेने में विफलताओं या गलतियों और उसके बाद के कार्यों/परिणामों के कारण विकसित होती हैं।
    • निर्णय लेने संबंधी कौशल में सुधार: प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान सकारात्मक मानसिकता और दृष्टिकोण बनाए रखने से बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।

    इस प्रकार, अभिरुचि और अभिवृत्ति दोनों एक सिविल सेवक के जीवन में अपार संभावनाएँ रखती हैं।

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